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कर्ज में डूबे फैक्ट्री कर्मी ने दोस्त के साथ रची डकैती की साजिश, पहली बार असफल होने के बाद दूसरी बार में लूट लिए 31 लाख

रायपुर। उरला-सरोरा के बीच शनिवार को फैक्ट्री के कैशियर से 31 लाख की डकैती करने वाले 9 बदमाशों को 100 घंटे के भीतर साइबर सेल की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। डकैत पुलिस को चकमा देकर राज्य छोड़कर उत्तराखंड भाग रहे थे। पेंड्रा-मारवाही और एमपी की पुलिस की मदद से घेराबंदी करके अनूपपुर में 6 डकैतों को पकड़ लिया गया। तीन डकैतों को पुलिस ने पहले ही हिरासत में लिया है। पुलिस ने डकैतों से 25 लाख कैश, 2 बाइक और 7 मोबाइल जब्त किया है। डकैती का मास्टर माइंड फैक्ट्री का कर्मचारी हिन्छा साहू है। उसने जुआरी हेमंत साहू के साथ मिलकर पूरी साजिश रची। हेमंत अपने भाई, रिश्तेदार और गांव वालों को डकैती में शामिल किया। 14 दिसंबर को पहली बार डकैती की कोशिश की गई थी, लेकिन कैशियर से बैग नहीं छीन पाए। तब फिर प्लानिंग की गई और 16 जनवरी की सुबह से रास्ते में डकैत बैठ गए थे। जैसे ही कैशियर नित्यानंद छुरा आया। डकैतों ने घेर लिया और मारपीट करके बैग छिन लिए। उसके बाद अलग-अलग रास्ते से भाग निकले। आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा और एसएसपी अजय यादव ने डकैती का खुलासा करते हुए बताया कि निमोरा का हिन्छा साहू (38) और हेमंत साहू (24) ने डकैती की साजिश रची थी। दोनों जुआ में लाखों रुपए हार चुके है। उनके ऊपर कर्ज है। लोग पैसों के लिए परेशान कर रहे थे। हिन्छा सरोरा के मां कुदरगढ़ी स्टील में अकाउंट विभाग में काम करता है। उसे पता था कि हर महीने फैक्ट्री में मोटी रकम आती है। उसने दिसंबर में अपने रिश्तेदार हेमंत से चर्चा किया। हेमंत को डकैती डालने के लिए कहा गया। इसमें हिन्छा का छोटा भाई डोमेश साहू (37), टिकेंद्र सेन (18), भूपेंद्र पटेल (32) निमोरा, भूषण वर्मा (32), लिकेश पटेल (20) बेरला, हेम कल्याण कोसले (20) और हरीश पटेल (19) गिरौध शामिल थे। डकैती के समय हिन्छा फैक्ट्री में था। उसका भाई डोमेश और भूपेंद्र निमोरा में थे। बाइक आरोपी दो बाइक में सरोरा रोड पर सुबह 9 बजे से सेंध लगाकर बैठे हुए थे। जैसे ही नित्यानंद आया तो आरोपी टूट पड़े। बैग छिनकर एक बाइक धरसींवा गई तो दूसरी बेरला चले गए। देर रात बदमाश निमोरा में मिले और पैसे आपस में बांट लिया। डीजीपी डीएम अवस्थी ने जांच टीम को 50 हजार, आईजी ने 30 और एसएसपी ने 20 हजार का इनाम देने की घोषणा की है।

ऐसे मिला पुलिस को क्लू: एसएसपी अजय यादव ने बताया कि उन्होंने लूट की जांच के लिए साइबर सेल और थाना की पुलिस की 40 छोटी-छोटी टीम बनाई थी। इसमें एक टीम को कैमरे, दूसरी को कॉल डिटेल, तीसरी टीम को फैक्ट्री के कर्मचारी और चौथी टीम को स्थानीय बदमाशों से पूछताछ की जिम्मेदारी दी गई थी। सिपाही हिमांश राठौर और अभिषेक कुमार को खमतराई के एक हिस्ट्रीशीटर ने बताया कि दिसंबर में जुआरी हेमंत साहू ने संपर्क किया था। उसने बड़ी लूट करने के लिए कहा था, तो उसने मना कर दिया। तब पुलिस ने हेमंत के मोबाइल नंबर की जांच की। उसमें फैक्ट्री कर्मी हिन्छा का नंबर मिला। तब पुलिस का शक गहरा गया। हेमंत के घर पर छापा मारा गया तो वह नहीं था। तब हिन्छा को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने तीन दिन बाद डकैती कबूल की। उसने अपने बाकी साथियों का नाम बताया। फिर टीम बनाकर छापेमारी गई। सिर्फ दो बदमाश ही मिले, बाकी 6 गायब थे। फरार आरोपियों ने घर पर गोवा जाने की बात कहीं थी, लेकिन वे उत्तराखंड जा रहे थे।

पुलिस दिखाती गंभीरता तो नहीं होती घटना: कैशियर नित्यानंद ने 15 दिसंबर को उरला थाने में लिखित में लूट की रिपोर्ट लिखाई थी। 14 तारीख को हेमंत ने बैग छिनने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो पाए थे। उरला पुलिस ने कैशियर की रिपोर्ट को गंभीरता से नहीं लिया। उसे थाने से चलता कर दिया। इसी से डकैतों का हौसला बुलंद हुआ और फिर प्लानिंग के साथ को घटना को अंजाम दिए। एसएसपी अजय यादव ने सभी टीआई को निर्देश जारी किया है कि थाने में आने वाली छोटी-छोटी शिकायतें को गंभीरता से ले। उसकी जांच करें और वरिष्ठ अधिकारियों को भी सूचना दे।

जुआ में हार गया 3.50 लाख रुपए: डकैती की रात हेमंत जुआ खेलने धरसींवा गया था। जहां वह 3.50 लाख रुपए हार गया। उसके ऊपर पहले से ही कर्ज था। वह जुआ में अपनी गाड़ी तक हार चुका है। वहीं हिन्छा ने हेमंत से पिछले 50 हजार रुपए उधार लिया था। हेमंत पैसों के लिए हिन्छा पर दबाव बना रहा था। हेमंत पूरा पैसा गबन करने की तैयारी में था।

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