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इंडिया ओपन: लक्ष्य सेन, सात्विक-चिराग की जोड़ी जीत के साथ फाइनल में, पीवी सिंधु का सफर हुआ समाप्त

  • लक्ष्य और सात्विक-चिराग दोनों अपने घरेलू टूर्नामेंट का पहला फाइनल खेलेंगे

नई दिल्ली। स्पेन में बीते महीने आयोजित विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले लक्ष्य सेन और चिराग शेट्टी तथा सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी की पुरुष युगल जोड़ी ने विपरीत दिखने वाली जीत के साथ पहली बार इंडिया ओपन 2022 के फाइनल जगह बना ली है। भारत की स्टार महिला खिलाड़ी पीवी सिंधु को हालांकि सेमीफाइनल में हार मिली है।

सेन ने मलेशिया के त्ज़े योंग एनजी पर 19-21, 21-16, 21-12 से जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाई। फिर शेट्टी और सात्विक ने फ्रांस के फैबियन डेलरू और विलियम विलेगर पर 21-10, 21-18 की 18वीं जीत के साथ अपने दूसरे सुपर 500 स्तर के फाइनल का टिकट कटाया।

ग्रैंड फिनाले में पहुंचने की पीवी सिंधु की इच्छा उस समय धरी की धरी रह गई, जब महिला एकल सेमीफाइनल में थाईलैंड की सुपनिदा कटेथॉन्ग के खिलाफ एक घंटे से भी कम समय में वह 21-14, 13-21, 21-10 से हार गईं।

सिंधु की हार ने भारतीय खेमे में एक निराशा डाल दी, जो उम्मीद कर रहा था कि रविवार को तीन खिलाड़ी खिताब के दावेदार होंगे। इससे पहले हालांकि दिन के अधिकांश भाग में भारतीय खेमे में खुश होने के लिए बहुत कुछ था।

योंग के खिलाफ कड़ी मेहनत के बाद एक घंटे सात मिनट में मिली जीत ने इंडिया ओपन में डेब्यू करते हुए सेन के लिए फाइनल का टिकट दिलाया और साथ ही बीडब्ल्यू टूर में सुपर 500 या उससे ऊपर का भी पहला फाइनल खेलने का मौका दिया।

अब रविवार को होने वाले फाइनल में लक्ष्य सेन का सामना विश्व चैंपियन लोह कीन यू से होगा। कनाडा के ब्रायन यांग के गले में खराश और सिरदर्द के कारण मुकाबले से बाहर होने के बाद सिंगापुर निवासी लोह को सेमीफाइनल में वाकओवर मिला।

तीसरी वरीयता प्राप्त सेन दुनिया के 60 वें नंबर के खिलाड़ी योंग के खिलाफ जीत के प्रबल दावेदार थे, लेकिन अगर वह आसान मुकाबले की उम्मीद कर रहे थे तो वह गलत थे क्योंकि मलेशियाई खिलाड़ी अलग ही मूड में था। दोनों खिलाड़ियों ने तेज गति वाली रैलियों के साथ मैच की शुरुआत की और नियमित अंतराल पर आगे-पीछे होते रहे।

सेन ने एक समय 14-10 की बढ़त ले रखी थी लेकिन फिर सिलसिलेवार गलतियों के कारण उन्होंने योंग को वापसी का मौका दिया। मलेशियाई ने बढ़त हासिल करने के लिए लगातार सात अंक जीते। लक्ष्य ने स्कोर 17-17 करने में सफल रहे लेकिन पहले गेम उनके हाथ से निकल गया।

योंग ने उसी गति के साथ दूसरा गेम शुरू किया और 4-1 की बढ़त बना ली। इसके बाद हालांकि सेन के ठोस बचाव से खुद को मुश्किल से निकाला और अगले शाट पर विनर हासिल किया। यहां से भारतीय खिलाड़ी को आवश्यक आत्म-विश्वास मिला और वह खुद को और भी अधिक मैच में झोंकने लगे।

20 वर्षीय सेन ने चीजों को मिक्स करना शुरू कर दिया। अपने क्रॉस-कोर्ट स्मैश के साथ विनर्स हिट करने के अवसर के लिए कोर्ट को खोलने के लिए सॉफ्ट ड्रॉप खेलना शुरू कर दिया। योंग ने मिड गेम इंटरवल तक भारतीय के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए मेहनत की लेकिन सेन उसके बाद पूरी तरह नियंत्रण में दिखे और इस तरह उन्होंने यह गेम जीतकर मैच को निर्णायक गेम में धकेल दिया।

सेन अपने हाथ से यह मौका निकलने नहीं देना चाहते थे। इसका कारण यह था कि अब योंग कोर्ट पर असहज महसूस कर रहे थे। मलेशियाई खिलाड़ी ने रैलियों को लम्बा खींचने का प्रयास किया और शटर को गेम में बनाए रखने का प्रयास किया लेकिन उनके लिए सेन को विनर्स लगाने से रोक पाना सम्भव नहीं था।

ऐसे में जब लगा कि योंग थके हुए महसूस कर रहे हैं तो सेन ने लगातार कई अंक लेकर मैच अपने नाम किया और अपने करियर के पहले सुपर 500 फाइनल का रुख किया।

मैच के बाद सेन ने कहा, “पहला गेम वास्तव में तेज था और योंग इसे जीतने के लिए अंत में कुछ करीबी अंक जीतने में सफल रहा। मैं अगले दो गेम्स में अपने गेम प्लान पर कायम रहा और उसने मेरे लिए अच्छा काम किया।”

फाइनल के बारे में सेन ने कहा, “अपने घर में अपना पहला सुपर 500 फाइनल खेलना एक अच्छा अहसास है। इस बार प्रशंसकों को स्टेडियम में आने की अनुमति नहीं है लेकिन स्टेडियम में कुछ लोग थे जो मेरा समर्थन कर रहे थे और यह अच्छा लगा।”

लोह और सेन के बीच रविवार को होने वाला फाइनल इस साल उनकी चौथी आपसी मुलाकात होगी। विश्व चैंपियन ने पहले तीन में से दो मैच जीते हैं। कुल मिलाकर दोनें का एक दूसरे खिलाफ रिकार्ड 2-2 का है।

लोह के खिलाफ फाइनल के बारे में बोलते हुए सेन ने कहा कि उन्हें एक अच्छे मैच का भरोसा है।

चिराग-सात्विक फाइनल में इनसे भिड़ेंगे

पुरुष युगल में, दूसरी वरीयता प्राप्त शेट्टी और सात्विक ने आठवीं वरीयता प्राप्त फ्रांसीसी जोड़ी पर हावी होकर एक बार फिर दिखाया कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर इतना उच्च दर्जा क्यों दिया गया है।

भारतीय जोड़ी ने मैच शुरू होने के साथ ही अपना अभियान शुरू किया। शेट्टी ने नेट एक्सचेंजों पर नियंत्रण औऱ यह जोड़ी एक समय 11-2 की बढ़त पर थी। फिर इसने अपनी लय बनाए रखते हुए पहला गेम अपने नाम किया।

अब उनका सामना शीर्ष वरीयता प्राप्त हेंड्रा सेतियावान और मोहम्मद अहसान से होगा, जिन्होंने दूसरे सेमीफाइनल में मलेशिया के ओंग यू सिन और टीओ ई यी को 21-15, 21-18 से हराया था।

रविवार के फाइनल के बारे में बोलते हुए, सात्विक ने कहा कि वे बस कोर्ट पर जाना चाहते हैं और उस जोड़ी के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते हैं जिसे उन्होंने वर्षों से फालो किया है।

शेट्टी ने इस मैच को लेकर कहा, “हर मैच उनके खिलाफ एक ताजा मैच है। यह महत्वपूर्ण है कि हम उस दिन कैसा महसूस करते हैं और हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं।”

लय में नहीं दिखीं सिंधु

अपनी थाई प्रतिद्वंदी के खिलाफ सिंधु लय में नहीं दिखीं। यह थाई बाएं हाथ का खिलाड़ी थी जिसने पहली बार उड़ान भरी और 7-1 की बढ़त ले लिए पहले गेम के हाफ टाइम तक उन्हें पांच अंक की बढ़त थी।। सिंधु बस अपनी लय हासिल नहीं कर पाई और यह गेम आसानी से हार गईं।

दूसरे गेम में सिंधु ने हालांकि खुद को समेटा और लीड ली लेकिन थाई खिलाड़ी ने 10-10 की बराबरी कर ली। फिर पूर्व विश्व चैम्पियन सिंधु ने अपने आप को सम्भावना शुरू किया और बड़े स्मैश यह गेम जीतकर मुकाबले को तीसरे गेम में लेकर गईं।

तीसरे गेम में सिंधु ने अच्छी शुरुआत की लेकिन बाद में वह अपनी जानी-पहचानी गलतियां करनी लगीं। इससे थाई खिलाड़ी को मैच पर नियंत्रण करने का मौका मिल गया और वह सिंधु पर हावी हो गईं। इसके बाद सिंधु को वापसी का मौका नहीं मिला।

अन्य महिला एकल सेमीफाइनल में, आकर्षी कश्यप का बुसानन ओंगबामरुंगफन से मुकाबला हुआ, जो विश्व रैंकिंग में उनसे 64 स्थान ऊपर हैं।

दुनिया की 76वें नंबर की भारतीय खिलाड़ी अपनी थाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ लंबी रैलियां खेलने के लिए तैयार थी। कश्यप ने बार-बार नेट से फ्लिक के साथ अपने ऑफ-गार्ड को पकड़ा और यहां तक कि शुरुआती गेम में पांच अंक की लीड अर्जित कर ली।

लेकिन ओंगबामरुंगफान ने अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए कश्यप को गलतियां करने पर बाध्य किया और मैच अपने नाम कर फाइनल में जगह बनाई।

दिन के अन्य मैचों में महिला युगल वर्ग में भारत की एकमात्र सेमीफाइनलिस्ट हरिता एमएच और आशना रॉय थाईलैंड की चौथी वरीयता प्राप्त बेन्यापा एम्सार्ड और नुंतकर्ण एम्सार्ड के खिलाफ 21-12, 21-9 से हार गईं।

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