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भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी श्रीकांत ने रचा इतिहास, इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार पहुंचे

  • श्रीकांत ने अपने ही देश के लक्ष्य को तीन गेम में हराया, दोनों पहली बार हुए थे आमने-सामने

नई दिल्ली। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। वे बीएफडब्ल्यू वर्ल्ड चैंपियनशिप के पुरुष सिंगल्स कैटेगरी के फाइनल में जगह बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने गए हैं। हालांकि इससे पहले महिला सिंगल्स कैटेगरी में दो बार की ओलिंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधु और साइना नेहवाल फाइनल खेल चुकी हैं।

चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में 12वीं वरीयता प्राप्त श्रीकांत का सामना अपने ही देश के खिलाड़ी लक्ष्य सेन से हुआ। श्रीकांत को पहले गेम में लक्ष्य ने 21-17 से हराया, जबकि दूसरे गेम में श्रीकांत ने वापसी करते हुए लक्ष्य को 21-14 और तीसरे व निर्णायक गेम में 21-17 से मात दी और चैंपियनशिप के फाइनल में जगह पक्की कर ली।

दो बार की ओलिंपिक मेडलिस्ट सिंधु इस खिलाड़ी के खिलाफ 2019 से नहीं जीत सकी हैं एक भी मुकाबला, यह उनकी लगातार 5वीं हार है

इसी के साथ अब श्रीकांत का सिल्वर मेडल जीतना तय हो गया है। अगर श्रीकांत खिताबी मुकाबले में जीत जाते हैं तो वे मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन जाएंगे। दोनों खिलाड़ी अपने करियर में पहली बार आमने –सामने हुए थे। दोनों खिलाड़ियों के बीच एक घंटा 9 मिनट तक संघर्ष जारी रहा। वहीं, हार के साथ ही लक्ष्य ने ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है।

लक्ष्य मेडल जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी

20 साल के लक्ष्य सेन बीडब्लूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं। टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहली बार पहुंचे लक्ष्य का सामना श्रीकांत से हुआ था। दोनों खिलाड़ी पहली बार पहुंचे थे। इससे पहले 1983 में प्रकाश पादुकोण ने और 2019 में ओलिंपियन बीसाई प्रणीत ऐसा कर चुके हैं।

इन दो भारतीय खिलाड़ी के बीच मेडल के लिए होगा कड़ा मुकाबला, पहली बार होंगे आमने-सामने

प्रकाश, बीसाई प्रणीत, श्रीकांत और लक्ष्य के अलावा पीवी सिंधु ने मेडल जीते हैं, जबकि साइना नेहवाल के नाम दो मेडल हैं। ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने 2011 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

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